जालंधर ( प्रदीप वर्मा ) : Illegal Constructions in Jalandhar मैं चाहे ये करूं मैं चाहे वो करूं…मेरी मर्जी। जी हां, ये हाल है नगर निगम जालंधर का। लॉकडाऊन हो या नहीं, कोरोना की आड़ में जालंधर में अवैध निर्माण का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा। सभी विधानसभा हलकों की तरह नार्थ एवं सेंट्रल विधानसभा हलकों में अवैध निर्माण का दौर जारी है। किशनपुरा चौक से लेकर लम्मा पिंड चौक तक दोनों तरफ दर्जनों अवैध निर्माण हो चुके हैं और इतनी ही संख्या में निर्माण जारी भी है। यह इलाका एटीपी रविंदर का है। सूत्रों के मुताबिक इलाके में हो चुके या हो रहे अवैध निर्माण की पूरी जानकारी रविंदर को है लेकिन पता नहीं क्यों वह किस दबाव में कार्रवाई नहीं कर पाते।
घूंघट की आड़ में हो रहा है अवैध निर्माण
कुछ रिहायशी गलियों में कॉमर्शियल निर्माण हो रहा है और कुछ में हो चुका है। सबसे रोचक बात यह कि नगर निगम और सरकार को चूना लगाने वाले इन बिल्डिंगों के मालिकों ने बोर्डों के आगे बड़े-बड़े फ्लैक्स लगवा लिए थे ताकि किसी को पता न चले कि घूंघट की आड़ में अवैध निर्माण हो रहा है। जब निर्माण पूरा हो गया तब फ्लैक्स हटवा लिए गए। इन निर्माणों को बनाने में सभी मानकों को छिक्के पर टांग दिया गया जैसे कि अगर मानक गली की चौड़ाई के मुताबिक किसी बड़ी दुकान का निर्माण न होने का है तो वहां दुकान बना दी गई। तय मंजिलों से ज्यादा मंजिलें नहीं बनाने का मानक है तो उस नियम को भी तोड़ दिया गया मतलब 3-4 मंजिला बिल्डिंग बनाकर सरकार से परमिशन तक नहीं ली गई।
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बिना नक्शा ही बना ली इमारतें Illegal Constructions in Jalandhar
एक और बात कई निर्माण तो बिना नक्शा पास करवाए ही कर लिए गए। जैसे कि किशनपुरा चौैक रोड पर मेट्रो अस्पताल के पास कुछ निर्माण हुए हैं। वहां नक्शा तक पास नहीं करवाया गया। एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 करोड़ की संपत्ति के अवैध निर्माण हो चुके हैं और अगर सरकार व नगर निगम को इसके मुताबिक शुल्क अदा किया जाता तो लाखों रुपए निगम के खाते में आने थे लेकिन वह सरकारी खाते में आने की बजाय प्राइवेट जेब में चले गए।
गुड़ मंडी में घूंघट की आड़ में तैयार हो गई करोड़ों की अवैध प्रॉपर्टी
इसी प्रकार बस्ती अड्डा से गुड़ मंडी (जालंधर सेंट्रल) वाले रोड, इमामनासिर के आसपास भी अवैध निर्माणों का बोलबाला है। यहां तो लॉकडाऊन का फायदा उठाकर पूरी की पूरी मार्केट तक बना ली गई। न निगम से पूछा न सरकार के इजाजत ली गई बस मार्केट तैयार हो गई। इस मार्केट के अलावा कई दुकानेें भी नाजायज रूप से बनाई गई हैं। इन दुकानों के ऊपर पेंट भी करवा लिया गया है। ज्यादातर लैंटर तो शनिवार और रविवार को डाले जाते हैं क्योंकि उस दिन बाजार में भीड़ बिल्कुल नहीं होती।
कई लोग तो इतने चालाक हैं उन्होंने लेबर की टाइमिंग ही दोपहर 3 बजे के बाद की रखी है ताकि दुकानें बंद होते ही अवैध निर्माण को मुकम्मल किया जा सके। कुलमिलाकर यहां 100 करोड़ की अवैध प्रॉपर्टी या तो तैयार कर ली गई या की जा रही है। यह एरिया किसी निगम इंस्पेक्टर के अधीन आता है।
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